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कहते हैं न कि जब आप किसी चीज को शिद्दत से चाहे तो पूरी कायनात आपसे मिलाने की साजिश करता है। पुष्पा के साथ भी यही हुआ। चाय की दुकान पर आने वाले एक कुश्ती प्रेमी ने गोरखपुर की बिटिया पुष्पा की प्रतिभा को पहचाना। उन्होंने स्टेडियम में खेलने की व्यवस्था कराई और प्रोत्साहित किया।
पुष्पा की बड़ी बहन सुधा बताती है कि उनकी बहन बहुत ही मेहनत करती थी। खेलने के साथ वह घर के काम करने में भी कभी पीछे नहीं रही। वह बात करते करते भावुक हो कहती हैं कि अगर पिताजी होते तो वह बहुत खुश होते।
पुष्पा के पिता का देहांत बीते अप्रैल महीना में हो गया। अब बड़ा भाई सुरेंद्र घर परिवार को संभाल रहा है। पूरा परिवार बहन की सफलता पर खुश है। गांव के लोगों के भी खुशी का ठिकाना नहीं है। उनको खुशी है कि गांव की बिटिया विदेश में नाम रोशन करने जा रही है।
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दो साल तक रेलवे स्टेडियम में किया प्रैक्टिस पुष्पा दो साल तक रेलवे स्टेडियम में प्रैक्टिस की है। यहां अभ्यास करते हुए उसका चयन साल 2017 में कर्नाटक के बेल्लारी विजयनगर स्थित सेंट्रल स्पोटर््स अकादमी में हो गया। अभी कुछ माह पहले आयोजित नेशनल कुश्ती चैंपियनशिप में पुष्पा ने सब जूनियर वर्ग में गोल्ड मेडल जीता है। साईं सेंटर लखनऊ में 18 जुलाई को आयोजित ट्रायल में पुष्पा का चयन सब जूनियर विश्व कुश्ती प्रतियोगिता के लिए जाने वाली भारतीय टीम में हुआ है। 29 जुलाई से चार अगस्त तक बुल्गारिया के सोफिया में होने वाली इस चैंपियनशिप में पुष्पा देश के लिए खेलेंगी।